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आईटीआर रिफंड में देरी कई कारणों से हो सकती है. क्या हैं वो कारण
आयकर रिटर्न फाइल करने की समय सीमा को समाप्त हुए 45 दिन हो गए. आयकर विभाग ने पहले ही पात्र करदाताओं को आईटीआर रिफंड जारी कर दिया है. हाल ही में, आयकर विभाग ने एक बयान में कहा कि 8 सितंबर, 2022 तक 1.19 लाख करोड़ रुपये का ITR रिफंड जारी किया गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 65.29 प्रतिशत अधिक है.
हालांकि, कुछ ऐसे करदाता हैं जिन्हें अभी तक अपना आईटीआर रिफंड नहीं मिला है और वे अभी भी उसका इंतजार कर रहे हैं. आईटीआर रिफंड में देरी कई कारणों से हो सकती है. क्या हैं वो कारण उसके बारे में हम आपको बताते हैं.
हो सकते हैं ये कारण
आईटीआर रिफंड में देरी कई कारणों से हो सकती है. इसलिए, करदाताओं को पहले यह जांचना होगा कि उनके आयकर रिफंड को विभाग द्वारा संसाधित किया गया है या नहीं. वे केवल तभी रिफंड प्राप्त कर सकते हैं जब उनका आईटीआर संसाधित हो गया हो और टैक्स डिपार्टमेंट आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी पुष्टि किया हो. आयकर विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर रिफंड की स्थिति की जांच की जा सकती है.
आईटीआर रिफंड में देरी का दूसरा कारण बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन भी हो सकता है. करदाता ई-फाइलिंग पोर्टल में लॉग इन करके बैंक खाते को सत्यापित करने में त्रुटि की जांच कर सकते हैं और जांच सकते हैं कि आपका बैंक खाता आपके पैन से संबंधित है या नहीं. इसके अलावा अगर करदाताओं की पिछले वित्तीय वर्ष से आउटस्टैंडिंग डिमांड पेंडिंग है तो भी रिफंड में देरी हो सकती है. हालांकि, आयकर विभाग इस मामले में उस डिमांड के खिलाफ रिफंड राशि को समायोजित करेगा.
आईटीआर रिफंड में देरी का एक और कारण हो सकता है. अगर रिफंड की राशि 100 रुपये से कम है, तो आयकर विभाग इसे आपके बैंक खाते में जमा नहीं करता है. ऐसे मामलों में राशि को भविष्य के आयकर रिफंड के खिलाफ समायोजित किया जाता है.