केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी देते हुए बताया, 'उच्चतम न्यायालय के आदेश और सहारा के मामले में शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति बी एन अग्रवाल के परामर्श के बाद भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कई विज्ञापन देकर निवेशकों को बताया कि पैसे वापस लेने के लिए आवेदन की प्रक्रिया क्या है. सहारा की कई इकाइयों में करीब 13 करोड़ निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये फंसे हुए हैं.'

सेबी ने लगाया था जुर्माना 

आपको बता दें कि इससे पहले मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन लि. और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लि. के साथ-साथ सुब्रत रॉय (Subrata Roy) तथा तीन अन्य पर 12 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. यह जुर्माना 2008 और 2009 में ऐच्छिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करने में नियामकीय नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया गया था. इसके अलावा इस साल लगातार सहारा इंडिया परिवार के निवेशक अलग-अलग जगहों पर अपने रिफंड के लिए विरोध प्रदर्शन भी किये हैं. दरअसल, देश में करोड़ों निवेशक सहारा में फंसे पैसे के रिफंड को लेकर चिंतित हैं.

अब तक कितने मिले रिफंड?

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को आदेश दिया था, जिसके बाद सहारा इंडिया ने निवेशकों से जमा की गई 25,781.37 करोड़ की मूल राशि के  बदले 31 दिसंबर, 2021 तक ‘सेबी-सहारा रिफंड’ खाते में 15,503.69 करोड़ रुपये जमा किए हैं. वित्त राज्यमंत्री की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, सेबी को 81.70 करोड़ रुपये की कुल मूल राशि के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट / पास बुक से जुड़े 19,644 आवेदन मिले हैं. इनमें से सेबी ने 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि 48,326 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट / पासबुक वाले 17,526 एलिजिबल बॉन्डहोल्डर्स को रिफंड किया है.

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