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इस समझौते के तहत आधुनिक हथियारों से लैस होने के बाद भी भारत-चीन की सेना एक-दूसरे पर गोली नहीं चलाती

Published On December 14, 2022 11:13 AM IST
Published By : Mega Daily News

चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों को भेजा, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें मारकर भगा दिया. अभी हाल ही में उत्तराखंड में चीन की सीमा के पास यूएस आर्मी और भारतीय सेना ने युद्धाभ्यास किया था. माना जा रहा है कि तवांग में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की हरकत, इसी युद्धाभ्यास के बाद डराने के लिए की गई थी, लेकिन भारतीय सेना ने जिस तरह का मुंहतोड़ जवाब दिया है. उसने चीन को भारतीय सेना की ताकत और हिम्मत का परिचय दे दिया है.

आधुनिक हथियारों से लैस हैं भारत-चीन की सेना

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन दोनों ही देशों के जवान आधुनिक हथियारों से लैस हैं, लेकिन एक-दूसरे पर गोलियां नहीं चलाते हैं. और आपके मन में भी ये सवाल जरूर होगा कि आखिर गलवान और फिर तवांग में मामला इतना बढ़ने के बाद भी सैनिकों ने गोलियां क्यों नहीं चलाईं?

भारत-चीन के बीच 1993 में हुआ था समझौता

दरअसल, इसकी एक वजह साल 1993 में भारत और चीन के बीच हुआ एक समझौता है. साल 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) की चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ था. इसके अनुसार, दोनों देशों की सेनाएं LAC के दो किलोमीटर के इलाके में गोलीबारी, बंदूकों, विस्फोटकों, हानिकारक केमिकल, जैविक हथियार या ब्लास्ट ऑपरेशन नहीं कर सकतीं. इसके अलावा इसमें LAC का सम्मान करने और विश्वास बहाली के प्रयास करने का जिक्र है.

समझौते में और क्या-क्या शामिल?

इस समझौते के अनुसार LAC में जिन क्षेत्रों पर दोनों देशों के बीच सहमति है, वहां किसी भी तरफ से कोई भी सैन्य गतिविधि नहीं की जाएगी. LAC के पास अगर सैन्य अभ्यास किया जाता है तो दोनों देश एक दूसरे के साथ इसकी सूचना पहले ही साझा करेंगे. दोनों देशों की वायुसेना एक दूसरे की हवाई सीमा में घुसपैठ नहीं करेगी. इस समझौते में सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों का हल तलाशने के लिए एक ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बनाए जाने का भी जिक्र था. इसी समझौते का पालन करने की वजह से दोनों देशों के सैनिक टकराव के दौरान बंदूकों का इस्तेमाल नहीं करते हैं. यानी गोलियां नहीं चलाई जाती हैं और सैनिक अपने हथियार नीचे की तरफ झुका कर रखते हैं, एक दूसरे पर बंदूकें नहीं तानी जाती है.

चीन ने निकाल ली समझौते की काट

हालांकि, इसी समझौते में LAC का सम्मान करने और एक दूसरे पर हमला न करने का भी जिक्र है, लेकिन चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है. वो न तो घुसपैठ से चूकता है और न ही घात लगाकर हमला करने से. उल्टा उसने इस समझौते की एक काट निकाल ली थी, उसके सैनिक हमले के लिए बंदूकों की जगह कंटीले तारों से लिपटे डंडों, लाठियों और इलेक्ट्रिक बैटन का इस्तेमाल करने लगे हैं, लेकिन इस बार भारतीय सैनिकों ने भी उन्हें उन्ही की भाषा में जवाब दिया और जमकर पिटाई भी की.

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