जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले के साथ-साथ आम लोगों पर हमले के लिए अब आतंकियों को तुर्की मेड हथियार मुहैय्या कराए जा रहे है. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI बड़ी संख्या में तुर्की मेड पिस्टल के साथ साथ गोला बारूद की सप्लाई जम्मू कश्मीर में मौजूद आतंकियों को कर रही है.

तुर्की मेड हथियारों की जम्मू कश्मीर में सप्लाई

जम्मू कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir Police) से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 'जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले के लिए आतंकी तुर्की के Canik- TP9 का इस्तेमाल कर रहे हैं. Canik- TP9 बाकी पिस्टल के मुकाबले काफी हल्के हैं और इसके जरिए टारगेट पर आसानी से निशाना लगाया जा सकता है.'

सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक पाकिस्तान की ISI चीन के साथ साथ टर्की के पिस्टल और हथियार भी खरीद रही है, जिनमें से कुछ हथियारों की खेप सीमा पार से आतंकियों को भेजी गई है. देखा जाए तो इस साल अब तक आतंकियों से अलग अलग मुठभेड़ में 20 से ज़्यादा टर्की मेड पिस्टल और सैकड़ों राउंड ऐमुनेशन (Ammunition) बरामद हो चुके हैं.

PoK में बढ़ रही आतंकियों की मौजूदगी

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी कैंपों में आतंकियों की संख्या बढ़ रही है. जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों पर आतंकी हमले कराने के लिए आतंकियों को अब पीओके (PoK) के नजदीक बने लांचिंग पैड पर शिफ्ट किया जा रहा है, जिससे उन्हें भारतीय सीमा में दाखिल कराया जा सके. गृह मंत्रालय के एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त पाकिस्तान और पीओके में 300 टेरर कैंप सक्रिय हैं. 

जम्मू कश्मीर में घुसने की फिराक में

खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पाक अधिकृत कश्मीर यानि पीओके (PoK) में बने कैंपों में आतंकियों की संख्या में इजाफा हुआ है. ज़ी मीडिया को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पीओके के कुछ टेरर कैंपों को लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के नजदीक शिफ्ट किए जाने की खुफिया जानकारी मिली है. मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक लाइन आफ कंट्रोल से सटे लांचिंग पैड पर 150 के करीब आतंकियों के होने की जानकारी मिली है, जो सीमा पार कर भारतीय सीमा में घुसने की फिराक में हैं.

एलओसी पर बर्फबारी से पहले सीमा पार से आतंकियों को घुसपैठ कराने की लगातार कोशिश हो रही है. सीमा पर सख्त निगरानी के चलते आतंकी संगठन जैश, लश्कर और हिजबुल जैसे ग्रुप अपनी रणनीतियों में लगातार बदलाव कर रहे हैं.

कई जगह बरामद हुई हैं सुरंगें 

केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि लाइन आफ कंट्रोल और पाकिस्तान से सटे इंटरनेशनल बॉर्डर पर आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने के लिए आतंकी टनल का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ महीनों पहले भी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने जम्मू से सीमा पर ऐसी ही एक टनल का पता लगाया था.

ड्रोन से हथियार भेज रही आईएसआई

जम्मू कश्मीर में मौजूद आतंकियों को ड्रोन के जरिए भी हथियार और गोला बारूद की सप्लाई की जा रही है. गृह मंत्रालय को भेजी सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है कि पिछले साल के मुकाबले पाकिस्तान से सटी भारतीय सीमा में ड्रोन एक्टिविटी दोगुनी हो गई है. पिछले साल यानी साल 2021 में जहां 109 ड्रोन की गतिविधियों को देखा गया था, वहीं इस साल ये संख्या बढ़कर 267 हो गई है.

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