सरकार ने लोगों को बढ़ती महंगाई से राहत देने और कीमतों में कमी करने के लिए बीस लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने का फैसला किया है। मंगलवार को इसका ऐलान करते हुए सरकार की ओर से बताया गया कि अनाज की थोक कीमतों में नरमी लाने और आटा मिलों की दरों में कटौती करने के भी निर्देश दिए गये हैं। इससे पहले 25 जनवरी को सरकार ने अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की घोषणा की थी। मंगलवार को जारी सरकारी बयान के मुताबिक, सरकार ने फैसला किया है कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत 20 लाख टन अतिरिक्त गेहूं खुले बाजार में लाएगा। यह स्टॉक ई-नीलामी के माध्यम से आटा मिलों/निजी व्यापारियों/थोक खरीदारों/गेहूं उत्पादों के निर्माताओं को बेचने के लिए होगा।

प्रमुख शहरों में गेहूं की औसत कीमत 33.15 रुपये प्रति किलो तक रही

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख शहरों में गेहूं की औसत कीमत 33.15 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि आटे (गेहूं का आटा) की औसत कीमत 37.63 रुपये प्रति किलोग्राम थी। पिछले महीने घोषित खुले बाजार में बेचे जाने वाले 30 लाख टन गेहूं में से, एफसीआई आटा मिलों जैसे थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेच रहा है तथा दो लाख टन गेहूं, राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को बेच रहा है। गेहूं को आटे में बदलने के लिए तीन लाख टन गेहूं संस्थानों और राज्य-सार्वजनिक उपक्रमों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

फैसले से बाजार मूल्य में कमी लाने में मिलेगी मदद

सूत्रों ने कहा कि गेहूं के स्टॉक को खुले बाजार में बेचने का प्रस्ताव मंत्रियों के एक समूह ने लिया था। बयान में कहा गया है, ‘‘अब तक 50 लाख टन (30+20 लाख टन) गेहूं को ओएमएसएस के तहत बेचने का फैसला किया गया है। 20 लाख टन गेहूं की अतिरिक्त बिक्री के साथ आरक्षित मूल्य में कमी करने जैसे फैसले से उपभोक्ताओं के लिए गेहूं और गेहूं के उत्पादों के बाजार मूल्य में कमी लाने में मदद मिलेगी।’’

केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने हाल ही में हुई ई-नीलामी के दूसरे दौर में स्टॉक के उठाव की समीक्षा करने के लिए एफसीआई तथा आटा मिलों / विभिन्न संघों / महासंघों / सूजी उत्पाद निर्माताओं के प्रतिनिधियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक की। बयान में कहा गया है कि आटा मिलों को गेहूं के बाजार मूल्य में कमी के अनुरूप आटा और अन्य उत्पादों की कीमतों में कमी लाने की सलाह दी गई है।

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