भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है, जिसमें रोजाना करीब 4 करोड़ लोग एक जगह से दूसरी जगह के लिए सफर करते हैं. इस यात्रा के दौरान कई बार ट्रेन से सामान खो जाने या चोरी हो जाने की घटनाएं भी होती हैं. जिस यात्री के साथ ऐसी घटना हो जाती है, उसके लिए वह सफर किसी बुरे सपने की तरह बनकर रह जाता है. अगर कभी आपके साथ ऐसी घटना हो जाए तो क्या रेलवे की ओर से आपको मुआवजा मिलेगा? आज हम इस मुद्दे पर विस्तार से बताने जा रहे हैं. 

सामान गायब होने पर तुरंत करें शिकायत

अगर कभी ट्रेन से सफर के दौरान सामान चोरी या गुम (Indian Railways Lost Luggage Rules) हो जाए तो बिना देरी किए तुरंत सबसे पहले उसकी शिकायत करनी चाहिए. शिकायत करने के लिए आप सबसे पहले ट्रेन कंडक्टर, कोच अटेंडेंट, गार्ड या जीआरपी एस्कॉर्ट से संपर्क करना चाहिए. घटना की सूचना मिलते ही इन लोगों की ओर से प्राथमिकी फॉर्म उपलब्ध कराया जाता है. आप इस फॉर्म को भरकर दे दें. इसके बाद उस फॉर्म को आगे की कार्रवाई के लिए थाने में भेज दिया जाएगा. आप चाहें तो अपना शिकायत पत्र रास्ते में पड़ने वाले किसी भी रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ की चौकियों पर भी दे सकते हैं. 

रेलवे की ओर से दिया जाता है मुआवजा

रेलवे के नियमों के मुताबिक सामान चोरी या खो (Indian Railways Lost Luggage Rules) जाने पर पहले मामले की जांच होती है. अगर जांच में शिकायत सही पाई जाती है तो 2 तरीके से पीड़ित को मुआवजा दिया जाता है. पहला, अगर आपने फीस भरकर रेलवे (Indian Railways) के लगेज में अपना सामान बुक करवा रखा है तो सामान के नुकसान या चोरी हो जाने पर रेलवे की ओर से आपको पूरा मुआवजा दिया जाएगा. इसके लिए सामान की उचित कीमत तय करके पीड़ित को मुआवजा दे दिया जाएगा.

मामले का फॉलोअप और सब्र बहुत जरूरी

दूसरा, अगर आपने लगेज में अपना सामान (Indian Railways Lost Luggage Rules) बुक नहीं करवाया है और सीट के नीचे उसे रखकर सफर कर रहे हैं तो रेलवे (Indian Railways) की ओर से आपको केवल 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा. फिर चाहे आपके सामान की कीमत कुछ भी क्यों न हों. आप ज्यादा मुआवजा देने का क्लेम नहीं कर सकते. इन दोनों तरीकों में मुआवजा मिलने में समय लगता है, लिहाजा सब्र करना और मामले का लगातार फॉलोअप करना बहुत जरूरी होता है.

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