गणतंत्र दिवस से पहले 25 जनवरी 2023 की शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत वासियों को संबोधित किया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अथक प्रयासों के बाद देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बन चुका है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे पुरानी जीवंत सभ्यता है. इसके साथ ही हमने आधुनिकता को अपनाने की कोशिश भी की है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर के द्वारा बनाए गए संविधान में मौजूद आदर्शों ने हमें राह दिखाई है. हम संविधान निर्माता के उम्मीदों पर खरे उतरे हैं और निरंतर विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि सभी दिशाओं से आने वाले विचारों का हमने स्वागत किया है. इसके अलावा शांति, बंधुता और समानता को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि संविधान बनाने वालों की बुद्धिमत्ता के बिना यह कभी संभव नहीं हो पाता. उन्होंने डॉक्टर अंबेडकर को धन्यवाद दिया और महात्मा गांधी के आदर्शों की याद भी दिलाई.

गरीब और अशिक्षित राष्ट्र की स्थिति से आगे निकला देश

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत गरीब और अशिक्षित राष्ट्र की स्थिति से निकल रहा है और पूरे आत्मविश्वास के साथ दुनिया को राह दिखा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में मौजूद सभी पंथों और भाषाओं ने हमें दूर नहीं किया बल्कि हमें जोड़ने का प्रयास किया है और यही वजह है कि हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में सफल हैं.

महामारी से अर्थव्यवस्था को पहुंचा था नुकसान

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि कोरोना जैसी खतरनाक महामारी से देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचा है लेकिन अब हम फिर से अपनी स्थिति को मजबूत कर रहे हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आने वाली चुनौतियों के लिए ये हमें तैयार करेगी और उसका डटकर सामना करना सिखाएगी. उन्होंने कहा कि भारत स्पेस टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत गगनयान को तैयार करने के लिए तेजी से काम कर रहा है जो भारत की पहली मानवीय अंतरिक्ष उड़ान होगी. इसके अलावा राष्ट्रपति ने लोगों का ध्यान ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की ओर भी खींचा.

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