प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व पर्यावरण दिवस पर दिल्ली के विज्ञान भवन से एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि उन्हें इस बात का संतोष है कि देश में पिछले 8 साल से जो भी योजनाएं चल रही है, उन सभी में किसी न किसी रूप से पर्यावरण संरक्षण का आग्रह है. इस मौके पर ईशा फाउंडेशन के प्रमुख जग्गी वासुदेव भी मौजूद रहे. 

भारत के प्रयास बहुआयामी: PM मोदी

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, 'स्वच्छ भारत मिशन हो या waste to wealth से जुड़े कार्यक्रम हो, अमृत मिशन के तहत शहरों में आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण हो, या सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान या नमामि गंगे के तहत गंगा स्वच्छता का अभियान, पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं. हम कैच द रेन जैसे अभियानों के जरिए जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं.

'मिट्टी को केमिकल फ्री बनाने पर जोर'

पीएम मोदी ने इस दौरान ये भी कहा कि इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है. इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है. इस साल के बजट में हमने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे. इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा.

इस तरह बचाएं मिट्टी 

पीएम मोदी ने मिट्टी बचाने की वकालत करते हुए कहा, 'मिट्टी को बचाने के लिए हमने 5 चीजों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. पहला ये कि मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं. दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं उन्हें कैसे बचाएं. तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं. चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें. और सबसे अहम पांचवा ये कि वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें. ' इन सभी मोर्चों पर एक साथ काम करने के लिए पीएम ने Save Soil जैसे जनआंदोलनों की तारीफ की है. 

'भारत का संकल्प'

पीएम मोदी ने ये भी कहा, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने CDRI और इंटरनेशनल सोलर अलायंस के निर्माण का नेतृत्व किया है. पिछले वर्ष भारत ने ये भी संकल्प लिया है कि भारत 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा. भारत 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर बंजर जमीन को रिस्टोर करने पर भी काम कर रहा है. ऐसे में पर्यावरण की रक्षा के लिए आज भारत नए इनोवेशंस और प्रो एनवायरमेंट टेक्नालजी पर लगातार जोर दे रहा है.'

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