गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले 25 जनवरी 2023 की शाम को पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है जिसमें मरणोपरांत दिलीप महालनोबिस समेत 6 को पद्म विभूषण पुरस्कार, 9 को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. इसके साथ ही 91 लोगों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. चिकित्सा के क्षेत्र में ओआरएस (ORS) के जनक डॉ दिलीप महालनोबीस को पद्म विभूषण प्राप्त होगा. डॉ दिलीप को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है.

रतन चंद्र कर, अंडमान के सेवानिवृत्त सरकारी डॉक्टर हैं और जरावा जनजाति के साथ काम कर रहे हैं जो उत्तरी सेंटिनल से 48 किमी दूर एक द्वीप में निवास रहते हैं उन्हें मेडिसिन के क्षेत्र में पद्म श्री प्राप्त हुआ है. हीराबाई लोबी, सिद्दी आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता और नेता हैं जिन्होंने सामाजिक कार्य (आदिवासी) के क्षेत्र में सिद्दी समुदाय की बेहतरी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. मुनीश्वर चंदर डावर, युद्ध के दिग्गज और जबलपुर के डॉक्टर हैं जो पिछले 50 वर्षों से वंचित लोगों का इलाज कर रहे हैं, जिन्हें चिकित्सा (सस्ती स्वास्थ्य सेवा) के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. हेराका धर्म के संरक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले दीमा हसाओ के नागा सामाजिक कार्यकर्ता रामकुइवांगबे न्यूमे को सामाजिक कार्य (संस्कृति) के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. पैय्यानूर के स्वतंत्रता सेनानी वी पी अप्पुकुट्टा पोडुवल को सामाजिक कार्य (गांधीवादी) के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.

इनके अलावा संकुरथ्री चंद्रशेखर, वदिवेल गोपाल और मासी सदाइयां, तुला राम उप्रेती, नेकराम शर्मा, जनम सिंह सोय, धनीराम टोटो, बी रामकृष्ण रेड्डी, अजय कुमार मंडावी, रानी मचायाह, केसी रनरेमसंगी, राइजिंगबोर कुरकलंग, मंगला कांति रॉय, मोआ सुबोंग, मुनिवेंकटप्पा, डोमर सिंह कुंवर, परशुराम कोमाजी खुने, गुलाम मुहम्मद जाज, भानुभाई चित्रा, परेश राठवा और कपिल देव प्रसाद समेत कई अन्य नाम शामिल है.

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