देश में इंफ्लेशन लगातार बढ़ रहा है. अब सरकार इसे इसे लेकर चिंतित है. इंफ्लेशन को कंट्रोल करने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने खास प्लान बनाया है. दरअसल, CPI आधारित इंफ्लेशन के ऊंचे स्तर पर बने रहने के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक-एक प्रोडक्ट की कीमतों की निगरानी और महंगाई पर रोक के लिए उचित और सटीक उपायों की जरूरत है.

आरबीआई और सरकार को रहना होगा सतर्क

वित्त मंत्री सीतारमण ने बातचीत में कहा, ‘रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही की शुरुआत तक केंद्रीय बैंक और सरकार दोनों को ही सचेत रहना होगा.’ यानी सरकार का कहना है कि अक्टूबर तक मुद्रास्फीति को लेकर सजगता बरतनी होगी. दरअसल, लगातार इंफ्लेशनबढ़ रहा है.

जून के आंकड़े ने बढ़ाई चिंता

आपको बता दें कि जून महीने के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े आने के बाद सीतारमण का ये बयान आया है. इस आंकड़ों के अनुसार, जून में खुदरा मुद्रास्फीति मामूली रूप से गिरकर 7.01 फीसदी रही है. यह लगातार छठा महीना है जब खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के अनुमानित स्तर के ऊपर बनी हुई है. इससे पहले आरबीआई भी लगातार इसे लेकर चिंता जता चुकी है. केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को चार फीसदी (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर रखने की जिम्मेदारी दी गई है.

एक-एक प्रोडक्ट की कीमतों पर सरकार की नजर

वित्त मंत्री ने कहा है कि आने वाले समय में हमें इस बात को लेकर सजग एवं सतर्क बने रहना होगा कि देश में एक-एक प्रोडक्ट की कीमतों का रुख कैसा रहता है. इतना ही नहीं वित्त मंत्री ने कहा है, 'इधर-ऊधर होने वाले एक-एक प्रोडक्ट की कीमतों पर नजर रखूंगी. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण को सटीक उपायों को जारी रखने की जरूरत है. इस साल अनुकूल मानसून रहने से उत्पादन अच्छा रहेगा और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली मांग भी बढ़ेगी.'

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