जयपुर : राज्य सरकार द्वारा एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आर्थिक कमजोर वर्ग के नागरिकों को हर वर्ष नया इनकम एण्ड एसेट सर्टिफिकेट बनवाने की अनिवार्यता से छूट दी गई है। इस संबंध में राज्य सरकार न एक परिपत्र जारी किया है, जिसके अनुसार एक बार इनकम एण्ड एसेट सर्टिफिकेट जारी होने के बाद आगामी वर्ष में निर्धारित मापदण्डों को पूरा करने पर केवल सत्यापित शपथ पत्र देना होगा। यह सुविधा अधिकतम 3 वर्ष के लिए दी गई है। 

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के नागरिकों के हित को द्वष्टिगत रखते हुए यह महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के लिए जारी किए जाने वाला इनकम एंड एसेट सर्टिफिकेट की वैधता 1 वर्ष के लिए मान्य होगी। एक बार इनकम एंड एसेट सर्टिफिकेट जारी होने के उपरांत अगर प्रार्थी आगामी वर्ष में भी आर्थिक कमजोर वर्ग के निर्धारित मापदंडों के अनुसार पात्र है तो ऎसी स्थिति में प्रार्थी से सत्यापित शपथ पत्र के आधार पर पूर्व में जारी इनकम एंड एसेट सर्टिफिकेट को ही मान लिया जाएगा और ऎसा अधिकतम 3 वर्ष के लिए किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि पूर्व में जारी परिपत्रों के प्रावधानों के अनुसार इनकम एंड एसेट सर्टिफिकेट 1 वर्ष के लिए मान्य होता है, जिसके कारण आर्थिक कमजोर वर्गों के व्यक्तियों को प्रत्येक वर्ष इनकम एंड एसेट सर्टिफिकेट जारी करवाना पड़ता है जिससे उक्त वर्ग के व्यक्तियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

डॉ.शर्मा बताया कि राज्य के आर्थिक कमजोर वर्गों के (अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों के अतिरिक्त) व्यक्तियों को राज्य सेवाओं एवं राज्य की शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश हेतु 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इस आरक्षण का लाभ दिए जाने की दृष्टि से आर्थिक कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को इनकम एंड एसेट सर्टिफिकेट जारी करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा परिपत्र जारी किया गया था।

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