देश में दिन प्रति दिन हरेक चीजों के दामों में बढ़ोतरी हो रही है। जिससे आम आदमी के बजट पर बहुत बड़ा असर पड़ा है। पेट्रोल डीजल खाने के तेल समेत सरियो के दाम में बढ़ोतरी हुइ है। सरियो के दामों मो बढ़ोतरी की होने के बाद घर बनाना और भी महँगा हो गया है।

पिछले कुछ समय से लगातर सरियो के दामों में बढ़ोतरी हो रही थी जिसके वजह से सरियो की डिमांड अभी पहले जितनी नहीं है। अभी कुछ समय पहले सरियो के जो दाम बढे थे उसके पीछे का मुख्य कारण था रशिया और यूकेन के बीच का युद्ध। युद्ध की वजह से कच्चे माल की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी यही कारण से सरियो के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। लेकिन अभी सरियो की डिमाडं पहले जितनी नहीं है फिर भी क्यों सरियो के दामों में बढ़ोतरी हो रही है।

आपको बतादे के हफ्ते भर में ही सरिया की कीमतों में चार हजार रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी हो गई और रिटेल में सरिया के दाम 79 हजार रुपये प्रति टन पहुंच गए। फैक्ट्रियों में सरिया 75 हजार रुपये प्रति टन तक बिक रहा है। क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि सरिया की कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण उद्योगों में आ रहा कोयला संकट है। उद्योगों में कोयला संकट के कारण उद्योगों का उत्पादन भी घट गया है।

पिछले दिनों सरिया की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई थी और इसके दाम 74 हजार रुपये प्रति टन तक पहुंच गए थे। भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में इतनी तेजी के कारण इन दिनों बहुत से प्रोजेक्ट की गति धीमी हो गई है। वहीं बहुत से काम तो लटक गए है। ईंट की कीमत भी 8 से 10 रुपये पोहच गई हे वही सीमेंट की एक बेग 400 रुपये के आसपास मिल रही हे.

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