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NDA सरकार में बजट पेश करने के समय में हुआ बड़ा बदलाव, तोड़ दी सालों पुरानी यह परंपरा

Published On January 13, 2023 10:58 AM IST
Published By : Mega Daily News

धीरे-धीरे आम बजट पेश होने की तारीख नजदीक आ रही है. हर आम और खास की न‍िगाहें व‍ित्‍त मंत्री की तरफ से इस बार बजट में होने वाली घोषणाओं पर हैं. हर बार की तरह इस बार भी नौकरीपेशा से लेक‍र क‍िसान तक बजट से काफी उम्‍मीदें लगाए बैठे हैं. लेक‍िन उनकी उम्‍मीदें क‍ितनी पूरी हो पाती हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) पांचवी बार बजट पेश करने वाली पहली मह‍िला व‍ित्‍त मंत्री होंगी. साल 2001 से बजट भाषण सुबह 11 बजे शुरू होता है. लेक‍िन इससे पहले का यद‍ि आपको याद हो तो यून‍ियन बजट (Union Budget 2023) शाम के समय पेश क‍िया जाता था.

पहले शाम में पेश होता था बजट

साल 2001 के बाद पैदा होने वाले लोगों के ल‍िए यह जानकारी नई हो सकती है. ऐसे में यह जानना कम द‍िलचस्‍प नहीं होगा क‍ि आख‍िर यून‍ियन बजट को शाम के समय पेश करने का कारण क्‍या था और अब इसे 11 बजे पेश क्यों किया जाता है? आजादी के बाद अंग्रेजों की कई परंपराओं को सालों तक न‍िभाया गया. इसी में से एक परंपरा यह भी थी बजट को शाम 5 बजे पेश क‍िया जाता था.

NDA सरकार में हुआ बड़ा बदलाव

हर साल शाम 5 बजे बजट पेश करने की परंपरा को साल 2001 में तोड़ा गया. एनडीए सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने शाम 5 बजे से बजट का टाइम बदलकर सुबह 11 बजे कर द‍िया. उसके बाद से इसे हर साल सुबह में ही पेश क‍िया जाता है. इसके बाद 2004 में आने वाली यूपीए सरकार में यह परंपरा कायम रही.

अंग्रेजों के जमाने में शाम के 5 बजे बजट पेश करने का कारण ब्र‍िटेन का बजट था. दरअसल, ब्रिटेन में बजट को सुबह 11 बजे पेश किया जाता था, इसमें भारत का भी बजट शामिल होता था. तो इसे शाम के समय पेश क‍िया जाता था.

2001 में हुआ यह बदलाव

शाम 5 बजे का समय चुनने के पीछे कारण था क‍ि ब्रिटेन में उस समय 11.30 बज रहे होते थे. इस तरह ब्रिटिश सरकार की तरफ से शुरू की गई परंपरा को आजादी के बाद भी न‍िभाया गया. बाद में इसमें यशवंत सिन्हा ने 2001 में बदलाव किया.

आम बजट का ह‍िस्‍सा बना रेल बजट

बाद में मोदी सरकार ने हर साल 28 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट को एक फरवरी को पेश करना शुरू क‍िया. इसके अलावा उन्‍होंने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही एक और परंपरा बदली. सरकार ने अलग पेश होने वाले रेल बजट को भी आम बजट में ही शामिल कर दिया. रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा खत्म करने का सुझाव तत्‍कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दिया था.

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