इस वजह से यह फल वजन को नियंत्रित रखने में सहायक साबित हो सकता है। वहीं, फाइबर से भरपूर होने की वजह से भी आलूबुखारा फल को वजन कम करने में फायदेमंद माना जाता है।
आलूबुखारा हार्ट से जुड़ी बीमारियों से बचाव में सहायक है। इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखा जा सकता है। ब्लड प्रेशर ज्यादा होने से ब्लड वेसेल्स पर दबाव पड़ता है जिससे हार्ट प्रॉब्लम्स का खतरा बढ़ता है। फ्रेश आलूबुखारा तो फायदेमंद होता ही है लेकिन ड्राय यानी सूखा आलूबुखारे भी। सूखा आलूबुखारा, एथेरोक्लेरोसिस (जिसमें आर्टरी वॉल्स में कोलेस्ट्रॉल, फैट और प्लाक जमा हो जाता है) से बचाव में सहायक होता है।
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आलूबुखारा में फाइबर की अच्छी-खासी मात्रा शामिल होती है। जिससे पाचन तंत्र एकदम सही तरीके से काम करता है और कब्ज की समस्या नहीं होती और अगर कब्ज है तो उससे राहत दिलाता है यह फल। कब्ज से परेशान लोगों को सूखा आलूबुखारा खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसमें फेनोलिक तत्व होता है जो मल त्याग में होने वाली परेशानी दूर करता है।
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अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तब तो आपको खासतौर से प्रून्स यानी सूखे आलूबुखारे का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद बायोएक्टिव तत्व शुगर को कंट्रोल में रखता है।
प्रून्स के सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी मदद मिल सकती है। इसके नियमित सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल एलडीएल (LDL) को कम किया जा सकता है। दरअसल, आलूबुखारा फल फाइबर से भरपूर होता है, जिस वजह से यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने का काम कर सकता है।