कोरोना महामारी से निजात मिलने के बारे में सोचना एक गलतफहमी है. यह वायरस एक बार फिर एक्टिव हो चुका है. इसके प्रमाण चीन और अन्य देशों में साफ देखने को मिल रहे हैं. शुक्र है कि भारत में इसकी रफ्तार अब भी बेहद धीमी है. लेकिन यह समय कोरोना को लेकर सतर्क रहने का है. आने वाले समय में कोरोना की रफ्तार बढ़ सकती है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी से कोरोना की रोकथाम के प्रति सजग होना ही समझदारी है. इस वक्त बीएफ.7 ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट को लेकर चिंता गहराती जा रही है. आइये आपको बताते हैं कोरोना वायरस के इस वेरिएंट के बारे में.

बीएफ.7 ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट सुर्खियों में

दुनियाभर में एक बार फिर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, भारत भी कोविड वायरस की संभावित लहर से लड़ने के लिए तैयार है. बीएफ.7 ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट एक बार फिर सुर्खियों में है क्योंकि चीन और अन्य देशों में इस वैरिएंट ने खूब कहर बरपा रखा है. इसे ओमिक्रॉन स्पॉन भी कहा जाता है. बीएफ. 7 सब-वैरिएंट, पहली बार अक्टूबर में भारत में पाया गया था. यह उसी का नया रूप है जिसमें उच्च संप्रेषणीयता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा इसलिए है क्योंकि नया वैरिएंट जल्दी से उस प्रतिरक्षा को दरकिनार कर देता है जो किसी व्यक्ति ने पहले वाले वैरिएंट के साथ प्राकृतिक संक्रमण के माध्यम से विकसित किया है और भले ही टीकों की सभी डोज लग चुकी हों.

कोरोना महामारी की चौथी लहर?

उम्मीद जताई जा रही है कि दुनिया महामारी की चौथी लहर देख सकती है. नए ऑमिक्रॉन वैरिएंट को सबसे पहले चीन में देखा गया और भारत ने गुजरात में इस वैरिएंट का पहला मामला देखा है. शुरु में महामारी में, वायरस ने कई बार उत्परिवर्तित किया और डब्ल्यूएचओ ने डेल्टा वैरिएंट को सबसे गंभीर घोषित किया.

बीएफ.7 सब-वैरिएंट के लक्षण

नए बीएफ.7 सब-वैरिएंट के लक्षण सामान्य फ्लू के समान हैं और इसमें सर्दी, खांसी, बुखार, शरीर में दर्द आदि शामिल हैं. चूंकि यह अत्यधिक संक्रामक है, यह कम अवधि के भीतर लोगों के एक बड़े समूह में फैल जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि सार्वजनिक स्थानों पर सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है, हम देखते हैं कि लोग थोड़े लापरवाह हो गए हैं क्योंकि कोविड-19 के दौरान बनाए गए कई नियमों को हटा दिया गया है. इसलिए, अब यह महत्वपूर्ण है कि हम कम से कम बुनियादी उपायों का पालन करें.

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