गुजरात चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इसमें कूद पड़े हैं. सोमवार को राहुल गांधी गुजरात में भाषण दे रहे थे, तभी एक शख्स ने उन्हें टोकते हुए हिंदी में बोलने को कहा. दरअसल राहुल हिंदी में भाषण दे रहे थे, जिसका मंच से  जीपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी बतौर ट्रांसलेटर गुजराती में अनुवाद कर रहे थे.

उस शख्स ने चिल्लाते हुए कहा, 'आप हिंदी में बोलो, हम समझ लेंगे, हमें अनुवाद की जरूरत नहीं.' इसके बाद राहुल गांधी रुके और मंच से पूछा, क्या यह ठीक रहेगा- "हिंदी चलेगा? (क्या हिंदी चलेगी)". भीड़ ने उसका समर्थन किया और अनुवादक की जरूरत नहीं रह गई.

चुनावी राज्य गुजरात में राहुल गांधी की यह पहली रैली थी. वह सूरत जिले के महुवा में लोगों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने आदिवासियों को देश का पहला मालिक बताते हुए कहा कि बीजेपी इनके अधिकारों को छीनने का काम कर रही है.  राहुल ने कहा कि वे आपको 'वनवासी' कहते हैं. वे यह नहीं कहते कि आप भारत के पहले मालिक हैं, बल्कि यह कहते हैं कि आप जंगल में रहते हैं. आपको फर्क दिखाई दिया? इसका मतलब है कि वे नहीं चाहते कि आप शहर में रहें, वे नहीं चाहते कि आपके बच्चे डॉक्टर्स, इंजीनियर्स बनें, जहाज चलाना या अंग्रेजी बोलना सीखें. 

राहुल ने बोला हमला

गौरतलब है कि गुजरात में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तमाम राजनीतिक पार्टियां मैदान में उतर गई हैं. बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के तमाम बड़े नेता राज्य के अलग-अलग हिस्सों में रैलियां कर रहे हैं. राहुल ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने देश के भीतर दो राष्ट्र बनाए हैं. एक तरफ सुपर रिच लोग हैं जो कुछ भी सपना देख सकते हैं और हासिल कर सकते हैं, चाहे वह बंदरगाह हो या हवाईअड्डे या सार्वजनिक क्षेत्र खरीद सकते हैं और तरफ गरीब और मध्यम वर्ग का देश है, जिसे हर चीज के लिए संघर्ष करना पड़ता है. जो लोग गरीबी से उबरे थे, उन्हें फिर से गरीबी की ओर धकेल दिया गया.

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