राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि कर्नाटक में भाजपा सरकार राज्य में स्कूली पाठ्यक्रम को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रही है. सिन्हा 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन जुटाने के लिए कर्नाटक पहुंचे हैं. इस क्रम में उन्होंने आज रविवार को कांग्रेस विधायकों से बेंगलुरु में मुलाकात की. यशवंत सिन्हा ने कहा, 'कर्नाटक में सरकार सत्तारूढ़ पार्टी के वैचारिक एजेंडे द्वारा रंगा एक नया स्कूल पाठ्यक्रम शुरू कर युवा पीढ़ी के दिमाग को सांप्रदायिक बनाने का प्रयास कर रही है.'

सिन्हा ने की चीफ जस्टिस की तारीफ

इस दौरान उन्होंने देश के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति एन वी रमण की भी तारीफ की. उन्होंने चीफ जस्टिस के इस बयान का स्वागत किया कि न्यायपालिका केवल संविधान के प्रति जवाबदेह है. सिन्हा ने कहा कि वास्तव में, जब से मैंने 27 जून को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है, मैं कह रहा हूं कि संयुक्त विपक्ष के उनके उम्मीदवार होने के प्रस्ताव को स्वीकार करने के पीछे एकमात्र उद्देश्य संविधान और उसके उच्च मूल्यों की रक्षा करना है, जो आज बड़े खतरे में है.

द्रौपदी मुर्मू को लेकर सिन्हा ने क्या कहा?

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह भाजपा की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का बहुत सम्मान करते हैं, जो एक आदिवासी नेता हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भगवा पार्टी के उम्मीदवार को संवैधानिक मूल्यों के लिए खड़े होने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए और रबर स्टैंप अध्यक्ष नहीं बने रहना चाहिए. पिछले आठ वर्षों में केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार ने लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता पर बार-बार हमले किए हैं. इसने भारत के बहु-धार्मिक समाज को विभाजित करने के लिए एक जहरीला सांप्रदायिक प्रचार किया है

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