राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनाव (MCD Elecion) के नतीजे आज (5 दिसंबर) आएंगे और चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए 42 मतगणना केंद्र बनाए हैं. बता दें कि इस बार चुनावी मैदान में दिल्ली के 250 वार्ड में कुल 1349 उम्मीदवार मैदान में थे और इसके लिए सीधे तौर पर चुनाव होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली नगर निगम के मेयर (MCD Mayor) का चुनाव कैसे होगा और मेयर का कार्यकाल कितने साल का होता है?

दिल्ली में हर साल चुना जाता है नया मेयर

दिल्ली नगर निगम का चुनाव (MCD Election) 5 साल में होता है और हर 5 साल में पार्षद चुने जाते हैं, लेकिन मेयर का चुनाव सीधे तौर पर नहीं होता है. मेयर का चुनाव (MCD Mayor Elecion) पार्षदों द्वारा किया जाता है और हर साल नया मेयर चुना जाता है. एमसीडी चुनाव में जिस पार्टी को बहुमत मिलता है, उसका कार्यकाल 5 साल का होता है. जबकि, महापौर यानी मेयर का कार्यकाल एक साल का ही होता है.

पहली बार ऐसे चुना जाता है मेयर

दिल्ली नगर निगम का चुनाव (MCD Election) के नतीजे आने के बाद जिस पार्टी को बहुमत मिलता है, मेयर उसी पार्टी का बनता है. चुनाव के नतीजे आने के बाद जब सदन की पहली बैठक होती है, तब मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है. चुने गए पार्षदों में से कुछ पार्षद मेयर पद के लिए नामांकन करते हैं और फिर पार्षद ही मेयर का चुनाव करते हैं. दिल्ली नगर निगम एक्ट के अनुसार, हर साल अप्रैल में पहली बैठक में नया मेयर और डिप्टी मेयर चुना जाता है.

पहले साल महिला के लिए आरक्षित होता है मेयर पद

दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर का पद पहले साल महिला के लिए आरक्षित होता है. इसके बाद दूसरे साल मेयर ((MCD Mayor) का पद अनारक्षित होता है. फिर तीसरे साल मेयर का पद अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित होता है. चौथे और पांचवे साल भी मेयर का पद अनारक्षित होता है.

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