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Election Results 2023: पूर्वोत्तर के सभी तीन राज्यों में सरकार बनाएगी बीजेपी?, जानिए
Election Results 2023: त्रिपुरा(Tripura), मेघालय (Meghalaya) और नागालैंड (Nagaland) में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। रुझानों में नगालैंड और त्रिपुरा में भाजपा वापसी करती दिख रही है। वहीं, मेघालय में पेंच फंसा है। यहां किसी भी दल को बहुमत मिलता नहीं दिखाई दे रहा है। वहीं त्रिपुरा और मेघालय में नतीजों से पहले दोनों राज्यों में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना के कारण सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों खेमों में बैठकें हुईं, जबकि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व और पूर्वोत्तर में वरिष्ठ नेता अगले कदमों पर विचार कर थे। हालांकि त्रिपुरा में भाजपा बहुमत की तरफ बढ़ रही है। वहीं मेघालय में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) शुरुआती रुझानों में आगे चल रही है, लेकिन उसे 60 सदस्यीय विधानसभा में स्पष्ट बहुमत मिलेगा या नहीं यह स्पष्ट नहीं है।
सुबह 11 बजे नागालैंड में रुझान के मुताबिक, राष्ट्रीय जनतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (एनडीपीपी)-बीजेपी गठबंधन को स्पष्ट बढ़त दिखाई दे रही थी, जिसके पास 60 में से 41 सीटें थीं। त्रिपुरा में भाजपा 30 सीटों के आसपास बढ़त बनाए हुए है।
वहीं नतीजों का रूझान भाजपा की ओर होने से पार्टी नेता इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के एजेंडे की जीत बता रहे हैं, क्योंकि इसका मतलब होगा कि पार्टी अल्पसंख्यक, आदिवासी विरोधी होने के आरोपों और आंतरिक कलह के बावजूद जीतने में कामयाब रही है। इससे भाजपा को तत्काल लाभ के अलावा इस साल बड़े चुनावी मौसम से पहले एक बड़ी शुरुआत मिलेगी। जिसमें कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी मतदान होगा।
तीन राज्यों में पार्टी के अभियान में रहे केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि भाजपा का प्रदर्शन विपक्ष के ईसाई विरोधी और आदिवासी विरोधी होने के दावों के लिए एक झटका है। चंद्रेशेखर का कहना है कि रुझान बताते हैं कि भाजपा के विकास के एजेंडे ने विपक्ष के अभियान के ध्वस्त कर दिया और भाजपा ने विपक्ष की रणनीति का मजबूती से मुकाबला किया।
चंद्रशेखर ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि शशि थरूर जैसा नेता जो भाजपा के बारे में गलत सूचना फैला रहे थे और ईसाई मतदाताओं में डर पैदा कर रहे थे। कांग्रेस को खारिज कर नागाओं ने कांग्रेस की दशकों पुरानी विरासत और उनके झूठ को खारिज कर दिया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि असम के मुख्यमंत्री और पूर्वोत्तर में भाजपा के मुख्य रणनीतिकार, हिमंत बिस्वा सरमा, यह सुनिश्चित करने के लिए बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं कि भाजपा तीनों राज्यों में सरकार का हिस्सा है, जैसा कि वर्तमान में है। मतगणना से एक दिन पहले मंगलवार की रात सरमा ने गुवाहाटी में एनपीपी के कोनराड संगमा के साथ बैठक की थी। एग्जिट पोल और मतगणना के बीच में एनपीपी आगे चल रही है। पिछले हफ्ते सरमा ने देबबर्मा के साथ बातचीत की थी, जिन्होंने अपनी ग्रेटर टिप्रालैंड की मांग के आधार पर किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया था। हालांकि चुनाव से पहले पिछले कुछ दिनों में देबबर्मा ने अपने रुख में नरमी दिखाई थी।