मोदी सरकार अब इंटरनेट मीडिया पर लगाम कसने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार जल्दी ही नया कानून लाने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक सरकार का मानना है कि इंटरनेट मीडिया पर अभी जो भी कंटेंट आते हैं, उनको पोस्ट करने वालों की कोई जवाबदेही नहीं है। यही जवाबदेही अब नए कानून से तय होगी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक आईटी मंत्रालय ऐसा कानून लाने जा रहा है, जिसके तहत इंटरनेट मीडिया की जिम्मेदारी, सुरक्षित इंटरनेट और साइबर सुरक्षा के नियम होंगे। डेटा की सुरक्षा को भी इस कानून में जगह मिलेगी। कुल मिलाकर वेबसाइट्स, यूट्यूब चैनल वगैरा में कुछ भी परोसकर बच जाना मुश्किल होगा।

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इससे पहले साल 2021 में मोदी सरकार ने आईटी नियमों को बदला था। नए आईटी नियम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मसलन फेसबुक और ट्विटर को जवाबदेह बनाया गया था। इन नए नियमों से काफी सुधार तो आया, लेकिन अब भी वेबसाइट्स और यूट्यूब चैनल में जवाबदेही नहीं है। इस वजह से नया कानून लाने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल देश में डेटा की सुरक्षा पर कोई नियम नहीं है। इस वजह से तमाम मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ये दलील देते हैं कि जब ऐसा कोई नियम है नहीं, तो वे किस कानून का पालन करें। ऐसे में वाट्सएप या टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए भी देश और समाज विरोधी कंटेंट तेजी से फैलता है।

सरकारी सूत्रों का कहना है कि सोशल मीडिया पर जो भी कंटेंट आए, उसके लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। अभी ये तय नहीं है कि कानून कब बनेगा, लेकिन इसे इसी साल संसद से पास कराने की कोशिश है। विदेश में बने ऐसे ही कानून को भी सरकार देख रही है। कानून बनने के बाद इंटरनेट मीडिया या ट्विटर, फेसबुक और वाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर कुछ भी परोसा जाता है और उसे चुनौती दी गई, तो कंपनी को चुनौती को गलत साबित करना होगा। वरना उसपर सख्त कार्रवाई होगी।

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