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इंटरनेट बना पर्सनल डेटा की मंडी, करोड़ो यूजर्स का मोबाइल नंबर और ईमेल बिक रहा हैं

Published On May 26, 2022 01:47 AM IST
Published By : Mega Daily News

आज के दौर में इंटरनेट पर्सनल डेटा की मंडी बन चुकी है, जहां यूजर अपना व्यक्तिगत डेटा अलग-अलग वेबसाइट को दे रहे हैं और यही डेटा लीक होकर या फिर हैक होकर इंटरनेट पर ही दूसरी वेबसाइट्स पर हजारों रुपये महीने के रेट से बिक रहा है. डेटा किस हद तक लीक हुआ है, क्या इंटेरनेट पर यूजर्स के पर्सनल मोबाइल नंबर, ईमेल भी बिक रहे हैं और क्या बिक रहे डेटा में आम लोगो के साथ भारत समेत दुनिया के बड़े-बड़े कारोबारियों के मोबाइल नंबर और ईमेल भी शामिल हैं? जब हमारी टीम ने इसकी पड़ताल की तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं.

इन दिग्गजों का पर्सनल डेटा लीक

इंटरनेट की मंडी में घंटों लंबी पड़ताल में सामने आया कि इंटरनेट पर लिंकडिन के 40 करोड़ से ज्यादा कथित यूजर्स के डेटा को एक वेबसाइट 3 हजार रुपये महीने की रेट से बेच रही है. इन 40 करोड़ लोगों में टेस्ला के सीईओ और ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क, फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग, ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोरसी, ट्विटर के मौजूदा सीईओ पराग अग्रवाल, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला, Adobe के सीईओ शांतनु नारायण, अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस, ओला के सीईओ भविश अग्रवाल, पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंदिरा नूई, UBER इंडिया के प्रमुख प्रभजीत सिंह, RPG ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका, महिंद्रा ग्रुप के प्रमुख आनंद महिंद्रा समेत देश-विदेश की कई बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों के प्रमुखों के पर्सनल मोबाइल नंबर और ईमेल सामने आए. यह कभी खत्म न होने वाली लिस्ट थी जिसमें देश-विदेश के बड़े-बड़े सीईओ और बिजनेसमैन थे.

पर्सनल मोबाइल नंबरों और ईमेल की लिस्ट में लिंकडिन के सीईओ जेफ वीनर और लिंकडिन भारत के प्रमुख आशुतोष गुप्ता का भी मोबाइल नंबर और ईमेल था. अब जानना जरूरी था कि क्या जो मोबाइल नंबर और ईमेल इस वेबसाइट पर बेचे जा रहे हैं क्या वो सच में असली है. ऐसे में हमारी टीम ने वेबसाइट पर मौजूद लिंकडिन भारत के प्रमुख आशुतोष गुप्ता के मोबाइल नंबर पर कॉल कर दिया. फोन उठा और ये पूछने पर पता लगा कि नंबर सच में आशुतोष गुप्ता का ही था. आशुतोष को भी नहीं पता था कि उनका नंबर इंटरनेट पर मौजूद है और बिक रहा है.

3 हजार में बिक रहे 100 मोबाइल नंबर 

इंटरनेट पर 40 करोड़ से ज्यादा लोगों का मोबाइल नंबर और ईमेल बेचने वाली कंपनी का दावा है कि उसकी वेबसाइट पर मौजूद सभी नंबर लिंकडिन के यूजर्स के हैं और ये वेबसाइट 100 मोबाइल नंबर प्रतिमाह 3 हजार रुपये में बेचती है. अब बारी थी लिंकडिन से जवाब मांगने की तो लिंकडिन ने ज़ी न्यूज़ को ईमेल के जरिये जवाब दिया कि Linkedin उसके यूजर्स की इजाजत के बिना उनके निजी डेटा के इस्तेमाल को गलत मानता है और इसी साल फरवरी में लिंकडिन ने सिंगापुर की कंपनी Mantheos Ptd. Ltd पर केस भी किया था क्योंकि यह कंपनी लिंकडिन के लाखों यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल कर रही थी.

बीते कई वर्षों में लिंकडिन यूजर्स के डेटा के डार्कवेब पर तो बिकने की खबरें आम थीं और कभी लिंकडिन ने लीकेज को माना और कभी नहीं. लेकिन इंटरनेट पर 40 करोड़ से ज्यादा प्रोफेशनल यूजर्स का पर्सनल मोबाइल नंबर एक जगह होना और उसके बिकने को साइबर विशेषज्ञ बड़ा खतरा मान रहे हैं. 

साइबर एक्सपर्ट ने किया अलर्ट

देश के जाने-माने साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे के मुताबिक 40 करोड़ प्रोफेशनल लोगों का डेटा एक जगह पर बिकना बड़ा खतरा है. कोई भी साइबर अपराधी इस डेटा को खरीदकर इन 40 करोड़ में से कुछ यूजर्स को नौकरी का झांसा देकर मोटी रकम ऐठ सकता है क्योंकि ज्यादातर यूजर्स तो लिंकडिन जैसे प्लेटफार्म का इस्तेमाल नौकरी खोजने के लिए ही करते हैं.

साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे के मुताबिक देश-विदेश के बड़े उद्योगपतियों और बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीईओ जैसे अधिकारियों को और सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि उनका मोबाइल नंबर और मेल इंटरनेट पर मौजूद है और स्पूफ कॉलिंग के सहारे उन्हें सरकार का बड़ा अधिकारी या मंत्री बनकर उन्हें ठगने का भी प्रयास हो सकता है. ठीक उसी तरह जैसे सुकेश चन्द्रशेखर ने 200 करोड़ की ठगी गृह मंत्रालय के नाम से की थी.

इंटरनेट यूजर्स को अहम सलाह

लिंकडिन एक अमेरिकी Employment oriented ऑनलाइन सर्विस है जिसके इस समय 200 देशों में 83 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं. इनमें 7 करोड़ से ज्यादा भारतीय भी हैं.

ऐसे में आपके लिए विशेषज्ञों की 3 सलाह हैं.-

1. अगर आपको लगातार Unknown नंबर से कॉल आती रहती हैं और आपको लगता है कि आपका नंबर कहीं से लीक हुआ है तो उन नंबरो को ब्लॉक लिस्ट में डाल दें.

2. अगर आपके पास नौकरी के लिए कोई कॉल या मेल आती है तो सबसे पहले उसे ठीक से वेरीफाई कर लें, जिस संस्थान से मेल या कॉल आई है वहां के आधिकारिक नंबर पर कॉल करके वेरीफाई करें और फिर उस पर भरोसा करें.

3. अपने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किसी भी अकाउंट के पासवर्ड के रूप में बिल्कुल ना करें.

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