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1338 करोड़ रुपये के जुर्माने से बचने के लिए Google ने NCLAT में लगाई गुहार, यह है पूरा मामला

Published On December 25, 2022 11:23 AM IST
Published By : Mega Daily News

Googleको बड़ा झटका लगा है. गूगल ने एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम में गलत कारोबार करने में दोषी पाया गया है, जिसके लिए उसने कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के ऑर्डर को अपीलेट ट्राइब्यूनल NCLAT में चुनौती दी है. अब गूगल को NCLAT से बड़ी उम्मीद है. गौरतलब है कि इसी साल अक्टूबर में CCI ने गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइसेज को लेकर कई मार्केट्स में अपने इमेज का गलत इस्तेमाल करने के लिए 1,337.76 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई थी. इसके बाद, CCI ने गूगल को गलत कारोबारी तरीकों को बंद करने का भी ऑर्डर दिया था. अब गूगल ने इसके लिए नया कदम उठाया है.

गूगल ने दी जानकारी 

इस विषय पर गूगल ने जानकारी दी है. गूगल के प्रवक्ता ने कहा, 'हमने एंड्रॉयड पर CCI के ऑर्डर के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है. हमारा मानना है कि यह हमारे उन भारतीय यूजर्स और कारोबारों के लिए बड़ा धक्का है जो एंड्रॉयड के सिक्योरिटी फीचर्स पर विश्वास करते हैं. हम NCLAT में अपना पक्ष रखने का इंतजार कर रहे हैं. हम अपने यूजर्स और पार्टनर्स के लिए प्रतिबद्ध हैं.' सूत्रों के अनुसार, गूगल का कहना है कि CCI ने OEM, डिवेवलपर्स और यूजर्स की ओर से दिए गए प्रूफ पर कोई नजर नहीं डाली है. 

NCLAT के पास मामला 

गूगल ने अब मामले को सुलझाने के लिए NCLAT से गुहार लगाईं है. गूगल को उम्मीद है कि NCLAT is मामले में गूगल की मदद कर सकता है. दरअसल, देश में एंड्रॉयड-बेस्ड स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल करने वाले कई लोगों से मिल रही लगातार शिकायतों के बाद, CCI ने इस मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया था. आपको बता दें कि एंड्रॉयड एक ओपन सोर्स मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स के ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) की ओर से इंस्टॉल किया जाता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में बाजार से इसकी लगातार शिकायतें मिल रही थीं. गूगल पर आरोप था कि यह मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट और एंटी फ्रेगमेंटेशन एग्रीमेंट, जो Android OS के लिए OEM और गूगल के बीच किए जाते हैं, का गलत इस्तेमाल हो रहा है.

गूगल ने किया गलत इस्तेमाल 

जांच में कंपनी के खिलाफ कई सुबूत मिले जिसके बाद, CCI ने इस पर अपना फैसला दिया. CCI के फैसले में कहा गया है, 'पूरे Google Mobile Suite का प्री-इंस्टालेशन अनिवार्य करना और इसे अन-इंस्टॉल करने का विकल्प नहीं होना डिवाइस मैन्युफैक्चरर्स के लिए एक अनुचित शर्त है और यह कॉम्पिटिशन कानून का उल्लंघन करती है. हालांकि गूगल को यह उम्मीद है और यह दावा कर रही है कि गूगल ने एंड्राइड को अधिक विकल्प दिए हैं और इसे सुविधाजनक बनाया है, जिस पर ध्यान देते हुए NCLAT गूगल के पक्ष में फैसला सुना सकती है.

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