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सूर्य ग्रहण: जानिये सूर्य ग्रहण का सूतक काल किस समय से शुरू होगा और कितने बजे तक रहेगा, इस दौरान क्या करें और क्या नहीं

Published On October 25, 2022 02:45 AM IST
Published By : Mega Daily News

इस दिवाली का त्योहार ग्रहण के साए में मनाया जा रहा है. दरअसल, 25 अक्टूबर को साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. ऐसें में सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाएगा. बता दें कि सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि को लगता है. ऐसे में 25 अक्टूबर की जगह छोटी और बड़ी दिवाली 24 अक्टूबर के दिन ही मनाई जा रही है.ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि सूर्य ग्रहण का सूतक काल किस समय से शुरू होगा और कितने बजे तक रहेगा. तो चलिए जानते हैं. 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के एक ही सीध में आने से ग्रहण लग जाता है. ये साल का आखिरी सूर्य ग्रहण बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि ये ग्रहण भारत में के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा. बता दें कि इससे पहले साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को लगा था. 

इस समय से शुरू होगा ग्रहण

धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण का  विशेष महत्व है. वहीं, अगर किसी खास मौके पर ये ग्रहण लगता है, तो इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. 25 अक्टूबर को लगने वाला ये सूर्य ग्रहण दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर आइसलैंड से शुरू होगा, जो कि शाम 6 बजकर 20 मिनट पर अरब सागर पर खत्म होगा. वहीं, भारत में ये ग्रहण शाम लगभग 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 9 मिनट तक रहेगा. 

जानें सूतक काल का समय 2022

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है. भारत में ये सूर्य ग्रहण 25 अक्टबर को शाम 4 बजे के करीब दिखाई देगा इसलिए इसके 12 घंटे पहले यानि 25 अक्टूबर सुबह 4 बजे से सूतक काल लग जाएगा. इसलिए गोवर्धन पूजा 25 की जगह 26 अक्टूबर को की जाएगी और 27 को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा. 

क्या करें और क्या नहीं

- ग्रहण के सूतक काल के दौरान दान और जाप आदि का विशेष महत्व है. इस दौरान पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान आदि के मंत्रों का जाप किया जाता है. इस समय में मंत्र सिद्धि भी की जाती है. 

- ग्रहण के दौरान बाहर निकलने से बचें. जितना संभव हो भगवान का स्मरण करें और मंत्र जाप आदि करें. 

- ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार का शुभ और मांगलिक काम बिल्कुल न करें. साथ ही, इस दौरान मंदिर के पाट बंद रखें. एक जगह बैठ कर भगवान का नाम लें. 

- अपनी राशि के अनुसार दान की जाने वाली चीजों को इक्ट्ठा कर लें और ग्रहण के बाद उसे दान करें. 

- गर्भवती महिलाएं इस दौरान खास ख्याल रखें. कमरे में खुद को बंद रखें और सीधा बैठकर सिर्फ भगवान का नाम लें. 

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