वैदिक ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह अपने निश्चित समय पर गोचर करता है. शनि एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में तकरीबन ढाई महीने का समय लगाते हैं. ऐसे में 17 जनवरी को शनि ने कुंभ राशि में प्रवेश किया था और 31 जनवरी को अपनी ही राशि में अस्त हो गए. और 6 मार्च को फिर से उदय होंगे. किसी भी ग्रह का अस्त होना अशुभ माना जाता है. ऐसे में कुछ राशियों के लिए ये समय बेहद कष्टदायी रहने वाला है. जानें इन राशियों के बारे में.

मेष राशि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव मेष राशि के जातकों की कुंडली के 11वें घर में अस्त हुए हैं. इसे करियर और शिक्षा का भाव माना जाता है. शनि के अस्त होने से मेष राशि वालों के करियर और शिक्षा पर साफ प्रभाव देखने को मिलेगा. इतना ही नहीं, इस राशि वालों को इस दौरान कई दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में किसी भी जगह पैसा निवेश करने से पहले सावधान रहें और शनि के उदय होने का इंतजार करें.   

वृष राशि

शनि का कुंभ में अस्त होना इस राशि वालों के जातकों के जीवन की समस्याओं में इजाफा कर रहा है. इस दौरान इस राशि के जातकों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है. शनि का अस्त होना माता-पिता के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालेगा. इतना ही नहीं, इस दौरान जो भी कार्य मेहनत से किया जाएगा, उसका पूर्ण फल मिलेगा.  

मिथुन राशि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव को मिथुन राशि का स्वामी माना जाता है. शनि  इस राशि के जातकों की कुंडली में नवें घर में अस्त हुए हैं. ऐसे में इस राशि के जातकों को किस्मत का साथ नहीं मिलेगा. वहीं, आप लोगों को दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है. अशुभ समाचार की प्राप्ति से मन उदास रहेगा. इस अवधि में किसी भी तरह की बीमारी को नजरअंदाज न करें.

तुला राशि

बता दें कि शनि तुला राशि के पंचम घर में अस्त हो रहे हैं. इसे शिक्षा, प्रेम संबंध, संतान का भाव माना जाता है. ऐसे में तुला राशि में शनि अस्त से इस राशि के जातकों को कठिन समय का सामना करना पड़ेगा. बच्चों को लेकर समय मुश्किल भरा होगा. स्वास्थ्य और व्यवहार में परेशानियां देखने को मिल सकती है. इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को भी इस दौरान स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना होगा. तनाव और नकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है. ऐसे में सावधान रहने की खास जरूरत है.

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