हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जानते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन से मिले अमृत को लेकर राक्षस और देवताओं के बीच विवाह होने लगा था और असुर अमृत लेकर भाग गए थे। तब भगवान विष्णु ने ही राक्षसों से अमृत लेने के लिए मोहिनी का रूप धरा था। माना जाता है कि विष्णु जी न यह रूप वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन धरा था। इसी के कारण इस एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जानते हैं। कहा जाता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत रखने और सच्चे मन से इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को  जन्म और मृत्यु के निरंतर चक्र से मुक्ति प्राप्त करता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं। जानिए मोहिनी एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

तिथि और शुभ मुहूर्त 

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि प्रारंभ: 30 अप्रैल 2023 को रात 08 बजकर 28  मिनट से
शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त: 1 मई 2023 को रात 10 बजकर 09 मिनट तक
तिथि- उदय तिथि के अनुसार, मोहिनी एकादशी का व्रत 1 मई को रखा जा रहा है।

पारण का समय 

व्रत के पारण का समय – 2 मई को सुबह 5 बजकर 57 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक

 महत्व 

मोहिनी एकादशी के बारे में सबसे पहले संत वशिष्ठ ने भगवान राम को और भगवान श्रीकृष्ण ने महाराजा युधिष्ठिर को बताया था। माना जाता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जो व्यक्ति पूरी भक्ति के साथ मोहिनी एकादशी के व्रत का पालन करता है, तो उसे कई तीर्थ यात्रा, दान-पुण्य और कई हज़ार यज्ञों के कराने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्रत करने वालों को उतनी ही महिमा मिलती है जितनी एक हजार गायों को दान में देने से मिलती है।

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