सनातन धर्म में अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है. इस दिन पितरों से संबंधित पिंडदान, श्राद्ध कर्म और दान आदि किया जाता है. इन सब चीजों से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. सालभर में 12 अमावस्या पड़ती हैं और सभी अमावस्या का अलग महत्व होता है. माघ माह में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म में खास महत्व है.  

स्वप्न शास्त्र के अनुसार अमावस्या तिथि के दिन सपनों में पितरों का दिखना शुभ या अशुभ दोनों संकेत देते हैं. इस बार मौनी अमावस्या 21 जनवरी के दिन पड़ रही है. इस अमावस्या की रात अगर आपको भी सपने में पितर दिखाई दें तो समझ लें कि वे क्या कहना चाह रहे हैं. 

पितरों के हाव-भाव से जानें क्या कहना चाहते हैं 

- स्वप्न शास्त्र में अगर आपको बार-बार सपने में पितर दिखाई देते हैं और  एक-दूसरे से या बात करते नजर आते हैं तो समझ जाएं कि वे आपको किसी घटना को लेकर सचेत करना चाह रहे हैं. अमावस्या पर इस तरह के सपने किसी अप्रिय घटना की ओर इशारा करते हैं. माना जाता है कि इस तरह के सपने सिर्फ तभी आते हैं जब पितर आपसे प्रसन्न होते हैं. 

- अमावस्या तिथि के दिन अगर सपने में पितर गुस्सा होते हुए या नाराज होते हुए दिखाई दें तो समझें कि आपसे दुखी और गुस्से में हैं. इस तरह के सपनों को शुभ नही माना गया है. 

- ज्योतिष अनुसार अगर आपको पितर बाल संवारते या फिर बालों में से जू निकालते नजर आते हैं, तो समझ जाएं कि वे आपकी परेशानी को दूर कर रहे हैं. ये सपना शुभ संकेत देता है कि आपके ऊपर आने वाले संकट को पूर्वज हर चुके हैं. 

- अगर पितर सपने में चुप बैठे या फिर आपसे कुछ मांगते हुए दिखाई दें तो समझ जाएं कि वे आपसे खुश नहीं हैं. इस सपने के जरिए वे आपसे श्राद्ध या तर्पण मांग रहे हैं. ऐसे में श्राद्ध पक्ष में पितरों का श्राद्ध जरूर नहीं करना चाहिए. 

- स्वप्न शास्त्र में अगर पूर्वज भटकते हुए या फिर किसी विरानी में खोने का सपना देखें तो इसका मतलब है, कि उन्हें मुक्ति की उम्मीद है. इस तरह का सपना देखने पर उनकी मुक्ति के लिए विधिवत पूजा करानी चाहिए.

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