वास्तु शास्‍त्र केवल भवन बनाने का विज्ञान नहीं है, बल्कि यह उस जगह की ऊर्जाओं को भी संतुलित करता है. ऊर्जा का असंतुलन माहौल में नकारात्‍मकता बढ़ाता है, जिसे वास्‍तु दोष कहते हैं. यह वास्‍तु दोष कई समस्‍याओं जैसे अशांति, तनाव, बीमारी, धन हानि, रिश्‍तों का टूटना आदि का कारण बनता है. इसलिए घर बनाते समय वास्‍तु शास्‍त्र के कुछ जरूरी नियमों का ध्‍यान रखना चाहिए. आज हम बेडरूम से जुड़े वास्‍तु नियमों की बात करते हैं. यदि बेडरूम में कुछ गलतियां या वास्‍तु दोष हों तो यह न केवल पति-पत्‍नी के रिश्‍ते को टूटने की कगार पर पहुंचा देते हैं. बल्कि घर में पूरे समय झगड़े-कलह का माहौल बनाए रखते हैं. 

बेडरूम के मामले में ना करें ये गलतियां 

वास्‍तु शास्‍त्र के अनुसार घर के बेडरूम या शयनकक्ष सही दिशा में होना चाहिए. इतना ही नहीं इसकी दीवारों का रंग, बेड की स्थिति यानी कि सोते समय सिर सही दिशा में हो, इन सभी बातों का ध्‍यान रखना भी जरूरी है. 

- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का बेडरूम बनाने के लिए सबसे सही दिशा दक्षिण-पश्चिम दिशा है. यदि ऐसा संभव ना हो तो बेडरूम पश्चिम दिशा में भी बना सकते हैं, लेकिन बेडरूम कभी भी उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व में नहीं होना चाहिए. ऐसा होने से पति-पत्‍नी के दांपत्‍य जीवन में समस्‍याएं होने लगती हैं. रिश्‍ते में तनाव बढ़ता है, धन हानि होती है. 

- बेडरूम में बेड हमेशा पूर्व-पश्चिम या उत्तर-दक्षिण जैसी दिशा में हो, यानी कि पूर्व से दक्षिण या पश्चिम से उत्‍तर की ओर ना हो. 

- बेड हमेशा लकड़ी का होना चाहिए. लकड़ी के बेड को वास्‍तु शास्‍त्र में सबसे शुभ माना गया है. 

- बेड या पलंग का आकार आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए. इसे कभी भी गोलाकार या अंडाकार न बनवाएं. 

- बेड के नीचे या स्‍टोरेज वाले हिस्‍से में जूते, चप्पल और अन्य नकारात्‍मक ऊर्जा देने वाला सामान न रखें.

- बेडरूम की दीवारों का रंग हल्‍का हो. जैसे, गुलाबी, हल्‍का जामुनी, क्रीम, हल्‍का हरा आदि. 

- बेडरूम में शीशा, टीवी, कम्‍प्‍यूटर जैसे इलेक्‍ट्रानिक सामान रखने से बचें. 

- बेडरूम में कभी भी देवी-देवताओं, पूर्वजों के चित्र ना लगाएं. 

 

- हफ्ते में एक बार बेडरूम में नमक के पानी से पोछा लगाएं. इससे नकारात्‍मक ऊर्जा नष्‍ट होती है. 

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