जापान में कल यानी 24 मई 2022 को होने वाले क्वाड सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पहुंच चुके हैं. पीएम वहां सम्मेलन के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय मीटिंग भी करेंगे. इन सबके बीच बड़ी खबर ये है कि क्वाड सम्मेलन को लेकर चीन को मिर्ची लगी हुई है. उसने इसे लेकर कहा है कि इसका विफल होना तय है, क्योंकि यह सारी कवायद अमेरिका ने चीन को रोकने के लिए शुरू की है.

बिलावल भुट्टो के साथ जॉइंट पीसी में कही बात

दरअसल, चीन के विदेश मंत्री बांग यी ने साउथ चाइना के शहर गुआंगझाऊ में पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के साथ मुलाकात के दौरान ये बातें कहीं. उन्होंने बिलावल के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, यह 'हिंद प्रशांत रणनीति' अंतरराष्ट्रीय समुदाय खासकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बहुत ज्यादा सतर्कता और चिंता पैदा कर रही है. अमेरिका की यह रणनीति विफल साबित होगी. इसके बाद बांग के इस बयान को चीनी विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया.

'नहीं सफल होगी ये रणनीति'

वांग यहीं नहीं रुके, उन्होंने अमेरिका पर हमला करते हुए कहा कि, एशिया-प्रशांत क्षेत्र को भू-राजनीतिक मंच की जगह शांतिपूर्ण विकास की भूमि होना चाहिए था. इस क्षेत्र को किसी ब्लॉक, 'नाटो या कोल्ड वॉर में बदलने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी. बता दें कि क्वाड में अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया शामिल है. क्वाड मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत पर जोर देता है, जबकि बीजिंग इसकी तुलना एशियाई नाटो से करता है.

क्वाड के नाम पर अमेरिका बना रहा गिरोह

वांग ने कहा कि 'आजादी'  एवं 'खुलेपन' के नाम पर अमेरिका क्वाड के नाम पर गिरोह बना रहा है. उसकी योजना इस ग्रुप के जरिये चीन के आसपास के माहौल को बदलने और चीन पर काबू करने की है. बता दें कि वांग की यह टिप्पणी क्वाड सम्मेलन से ठीक 1 दिन पहले आई है. टोक्यो में होने वाले इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के पीएम फूमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस शामिल होंगे.

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